जय हिन्द न्यूज/जालंधर
पंजाब के 1500 करोड़ के ब्लैकमेलिंग-करप्शन कांड की जांच में जुटी स्टेट विजिलैंस ब्यूरो के हाथ पुख्ता दस्तावेजी सबूत लग रहे हैं। करप्शन कांड के किंगपिन बताए जा रहे जालंधर केंद्रीय हलका के विधायक रमन अरोड़ा की गिरफ्तारी के बाद ब्यूरो ने आरोप साबित करने के लिए आरोपी विधायक के रिश्तेदारों-करीबियों और राजदारों के धंधे तक स्कैन कर डाले हैं।
बुधवार को नाभा जेल में बंद आरोपी रमन अरोड़ा की रैगुलर जमानत अर्जी और इसी करप्शन कांड में नामजद उनके कुड़म राजकुमार मदान की अग्रिम जमानत अर्जी पर आज सैशन कोर्ट में बहस के दौरान सरकारी वकील ने जांच के आधार पर कुछ बड़े खुलासे किए। सरकारी वकील ने स्टेट विजिलैंस ब्यूरो की जांच रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट को अवगत कराया कि आरोपी रमन अरोड़ा के विधायक बनने के बाद उनके रिश्तेदारों-करीबियों तथा राजदारों के कारोबार में 500 प्रतिशत तक की ग्रोथ दर्ज हुई है।
सरकारी वकील ने दावा पेश किया कि इस दिशा में अभी जांच जारी है और लंबित दोनों जमानत अर्जियों को खारिज करने का मजबूत आधार माने जाने पर जोर दिया। सरकारी वकील ने कहा कि यदि दोनों को जमानत मिल जाती है, तो दोनों जांच को प्रभावित कर सकते हैं। तर्क यह भी पेश किया कि दोनों की साल 2024-25 पर आधारित इंकम टैक्स रिटर्न भी जाने वाली है जिस आधार पर आय-व्यय का मिलान भी अभी बाकी है।
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विजिलैंस जांच कर रही है कि कुड़म राजकुमार मदान जो कि मदान कार्ड्स एंड पैकिंग बाक्स का कारोबार करते हैं। रमन अरोड़ा के विधायक बनने के बाद इनके कारोबार में 500 प्रतिशत का उछाल दर्ज हुआ। वहीं, ब्यूरो ने जब उनके बिजली बिल को जांचा तो वो पहले से 28 हजार रुपए कम पाया, बिजनैस ग्रोथ के मुताबिक केवल 1.10 लाख की मशीनरी खरीदी गई, कभी कोई रिपेयर भी नहीं, आऊटसोर्स का कोई भुगतान नहीं, करोड़ों का माल खरीदा-बेचा लेकिन ट्रांसपोर्टेशन केवल 92 हजार रुपए की, नए कर्मचारी रखे लेकिन उनके मुताबिक उत्पादन क्षमता कई गुणा।
इसी प्रकार विजिलेंस जांच कर रही है कि सांडू राजन कपूर जिनकी जंगदम्बे फैशन स्पाट के नाम से फर्म है। इस फर्म का कारोबार रमन अरोड़ा के विधायक बनने से पहले 39 लाख जबकि विधायक बनते ही 10 करोड़ तथा अगले साल 12 करोड़ कैसे हो गया। हैरत तब हुई जब जांच में ब्यूरो को यह पता चला कि कारोबार में कैश सेल 1.81 करोड़ जबकि बैंक में कैश 4.42 करोड़ रुपए जमा करवाए गए। अब यह 2.60 करोड़ उनके पास कहां से आए। यह जांच का विषय है।
इसी प्रकार विजिलेंस जांच कर रही है कि पत्नी गीता अरोड़ा तथा बहु साक्षी अरोड़ा जिनके नाम पर श्री श्याम टैक्सटाइल है और यह परिक्रमा कांपलैक्स जहां आरोपी रमन अरोड़ा का आफिस भी था, उसके पास ही स्थित है। इस फर्म का कारोबार आरोपी रमन अरोड़ा के विधायक बनने से पहले काफी कम था लेकिन विधायक बनने के बाद इसकी कैश सेल में इतना इजाफा कैसे हो गया कि सेल करीब 95 लाख रुपए हुई लेकिन बैंक खातों में 1.49 करोड़ रुपए कैश डिपाजिट हुए। अब शेष 54 लाख रुपए कहां से आए। पूछताछ होगी या हिरासती पूछताछ होगी, यह समय ही बताएगा।
विजिलेंस जांच कर रही है कि जेल में बंद आढ़ती महेश मखीजा जिसके कब्जे से 29 लाख रुपए की हैवी कैश रिकवरी हुई है जिसमें से उसने 14 लाख रुपए अपने तथा 15 लाख रुपए आरोपी विधायक रमन अरोड़ा के होने बताए हैं। स्पष्ट किया है कि यह मनी दो नंबर की है जो लोगों से डील के तहत हासिल की गई थी। उन लोगों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है। इसी प्रकार ननी नामक व्यक्ति भी 7.17 लाख रुपए विजिलेंस को हैंडओवर कर चुका है और सैल्फ डिसक्लोजर कर चुका है कि यह रकम उसे आरोपी विधायक रमन अरोड़ा ने कुछ दिन पहले सेफ रखने के लिए दी थी क्योंकि उसे ब्यूरो के एक्शन की भनक लग चुकी थी।